ashutosh's name

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भावनाओ कि निर्मम हत्या से उपजी विचारों की अनुपम अभिव्यक्ति से दुनिया को जो मुर्दा दिखा वही कविता है। सीने में तमाम तक़लीफ़ों की कबरगाह में से आज भी जैसे कोई प्रेतात्मा प्रश्न पूछ रही है कि तेरे ख्वाब कहाँ हैं, जो तूने देखे थे ? मैं कब्र देख कर फिर से हंस देता हूँ।


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  • स्वप्न तुम निराश ना होना

    22 July 2014 ( #ghazals & shayari )

    स्वप्न तुम निराश ना होना रुकावटें आती हैं और आएँगी, मुश्किलें पथ पथ पर भरमाएँगी, मगर तुम हताश ना होना। स्वप्न तुम निराश ना होना। पाँव में काँटों सी चुभन होगी, आँखों में उनींदी सी जलन होगी, मगर तुम उदास ना होना। स्वप्न तुम निराश ना होना। अँधेरे तेरी राह...

  • दिल के ज़ज्बात समेट कर

    30 August 2014 ( #ghazals & shayari )

    दिल के ज़ज्बात समेट कर, पूरी क़ायनात समेट कर मैं लौट आया फिर वही से, अपने हालात समेट कर। सज़दे सुबह और शाम को मुहब्बत के कैसे कैसे ? कभी कन्धों पे झुक कर, कभी घुटनों से बैठ कर। कुछ फ़र्क बाक़ी है अब भी, फ़रेब में और अपनों में, ये अनुभव भी कड़वा है मेरा, मेरे...

  • हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है

    10 September 2014 ( #ghazals & shayari )

    ऊफ़्फ़ हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है समतल सौंधा उबड़ खाबड़ गड्ड मड्ड सा उलझा प्यार आज भी है , हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है। थोड़ा नीरस थोड़ा सूखा सोये मन में प्रेम वयार आज भी है , हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है। हाथ हथेली झूले पौधे तुम और मैं स्वप्न...

  • सपने आसान क्यूँ नहीं होते?

    11 October 2014 ( #notes )

    हम सब लोग लगभग बचपन से ही अपने सुनहरे भविष्य की कच्ची कल्पना करने लगते हैं l और क्लास से कॉलेज तक आते आते हमें सपने ज्यादा स्पष्ट दिखने लगते हैंl एक अच्छी जॉब, अच्छा घर, गाड़ी, बीवी-बच्चेl क्या यहाँ शुरुआत कुछ गलत नहीं हुई है. एक अच्छी नौकरी। एक अच्छी...

  • मुझको गले लगाए कौन

    14 April 2014 ( #ghazals & shayari )

    अंतरव्यथा बताये कौन पीर तुम्हे समझाये कौन , उथल पुथल समतल सी दीखे , अंतर् चित्कार दिखाये कौन। एकाकी है छण छण अपना , नीरस जीवन कण कण अपना , है समीप वध इस नश्वर का , आगे अब ले जाए कौन। आँखे पुलकित मन उदास सा उत्तेजना मिटाये कौन तन मन तृषित है प्रेम क्षुधा...

  • हर समय, हर काल में, हर वक्त, हर पल तुम तुम्ही हो

    10 May 2014 ( #ghazals & shayari )

    हर समय, हर काल में, हर वक्त, हर पल तुम तुम्ही हो। क्षण तुम्ही, लम्हा तुम्ही, मेरी नदी कल-कल तुम्ही हो। अंतिम, अमर, आलोक मेरी प्यास की हलचल तुम्ही, गढ़ दिया है प्रेम सा जेवर अमिट, पीतल तुम्ही हो। जड़ हुये सब काफ़िले, केवल प्रिये, अब चल तुम्ही हो। रच गयी सँगीत...

  • साँसों से घुटती ज़िन्दगी

    23 January 2010 ( #ghazals & shayari )

    साँसों से घुटती ज़िन्दगी हर रोज मर रही थी पल पल मौत की दुआ मांगते लोग तन्हा अकेले हर पल मौत से बचना नामुमकिन बस आसान होगी या मुश्किल यही है दुविधा बोझ हर घड़ी सपनो का , अपनों का गरीबी मानती नहीं किसी के अरमान देखती नहीं मजबूरी मनमानी करती है हमेशा बच्चे-पढ़ाई,...

  • छंद सा जीवन अनंदा

    30 July 2014 ( #ghazals & shayari )

    छंद सा जीवन अनंदा मौत से सब काम धंधा, काही ले सुधि मोह माया शिव तले मोहे सब सुगंधा। अब कहाँ नीरस विषैला, है सुघड़ सुन्दर रसीला, काशी गंगा शिव यहीं सब कृष्ण सा यह प्रेमफंदा। मृत्यु पर अब हँस रहा हूँ, तंज़ खुद पर कस रहा हूँ। सत्य तो अंतिम यही है, पथ पथिक...

  • इतना ख़ामोश होके उलझाया मुझे

    03 July 2014 ( #ghazals & shayari )

    इतना ख़ामोश होके उलझाया मुझे, ज़िन्दगी तुझे ज़िन्दगी कहूँ क्या कहूँ ? फ़रेब जुगनुओं ने ही समझाया मुझे , रौशनी तुझे रौशनी कहूँ क्या कहूँ ? क्या कपड़े, क्या निवाला, क्या ख़ुदा, आदमी तुझे आदमी कहूँ क्या कहूँ ? कभी रोज़ी, कभी रोटी, कभी मुक़द्दर, मुफ़लिसी तुझे मुफ़लिसी...

  • गरीब

    20 August 2014 ( #ghazals & shayari )

    पूरी दुनिया से सोच, तू अलेहदा क्यूँ हुआ ? ज़र्द ज़ज्बात में रंग सफ़ेदा क्यों हुआ ? अनाज़ और लंगोट का संगम नहीं तुझे, ऐ गरीब तू जहान में पैदा क्यूँ हुआ ?

  • जाने क्यूँ आज माँ याद आई

    21 May 2014 ( #ghazals & shayari )

    अकेला नितांत और भटक गया हूँ मैं, कोई साथी कोई दैत्य नहीं संग, रुझान और विचार कुछ शून्य सा है, मुझे सम्भालो इस धक्के से, जो अभी लगा ही नहीं। दिशाओं का ज्ञान सूझ नहीं पड़ता अब! कोई अन्धेरा भी नहीं ! जाने क्यूँ फिर आज गाँव याद आया जाने क्यूँ आज माँ याद आई...

  • MERE APNE / मेरे अपने

    26 February 2009 ( #ghazals & shayari )

    सिखाया मेरे अपनों नें मुझे आगे बढ़ने का हुनर दिखा के ऊँगली आकाश की तरफ बताया हमेशा ऊपर देखो छितिज़ की तरफ नीचे नहीं मैं इस वेदवाक्य का अनुसरण कर बढ़ता रहा आगे छितिज़ की ओर देखता ना देख पाया मेरे वही अपने खोद रहें हैं खाई मेरे पैरों के नीचे मैं तो बस ऊपर...

  • जिनके होठों पे बग़ावत का नाम होगा/zinke hothon pe baghavat ka naam hoga

    27 February 2009 ( #ghazals & shayari )

    जिनके होठों पे बग़ावत का नाम होगा, आज किस्सा उनका यही पे तमाम होगा। सर धड़ पे उठाये जो बाग़ी घूमते हैं बाजार में, बाजार में ही सरे आम, उनका क़त्ल-ऐ-आम होगा। आती है बू तुझसे शराफ़त की तू बड़ा नामुराद इन्सान होगा। जा कहीं उतार के आ, ये शराफत का चोला , तब तू भी...

  • AAKHIR KYUN

    10 June 2009 ( #ghazals & shayari )

    Tu meri jindagi me aayi na hoti Toh duniya itni paraayi na hoti Tujhko ek apna gar bana leta Saari khusiyaan fir thukraai na hoti Tera gum jindagi me shaamil kar Apni duniya nayi basaai na hoti Kya bigad jaata khooni duniya ka gar wo tareekh ek aayi na...

  • MERA VAADA

    11 June 2009 ( #ghazals & shayari )

    Hamne vaada kiya tha un se kabhi hum toh wo bhool gaye yaad unhe hai ab bhi wo mera intzaar karti hai jaanti hai mai na aaunga kabhi dard uska jo maine dekha hai aankh ki kor bhar aayi hai abhi bekhudi me wo apne rahte hai duniya dari ka unko hosh nahi...

  • BURA DAUR

    12 June 2009 ( #ghazals & shayari )

    Dil ko ab raas koi safar nahi aata jo thi chingaari wo bujh gayi ab kisi baat ka asar nahi aata kai baras hue lagte the ghar mele aaj kal koi idhar nahi aata kabhi rakhte the hum bhi paini nigaah aaj kal kuch nazar nahi aata meri hasi pe ek laakho nisaar...

  • PACHTAAVA

    14 June 2009 ( #ghazals & shayari )

    Dil ki baat bataye kisko, kisko hum pareshan kare ab kisko hum pareshan kare soch k chup reh jate kyu, sab ko ab halkaan kare hum sab ko ab halkaan kare ro lete hai chup chup k, kyu apne gum hum aam kare ab apne gum hum aam kare dard chalak aata aankho...

  • आ के तुमने सामने फिर से

    05 September 2009 ( #ghazals & shayari )

    बड़ा खामोश रहता था छुपा के दिल में रखता था मेरे ग़म को उघाड़ा आ के तुमने सामने फिर से चला था भूलने सबको दिए थे दर्द जो तुमने मेरे दिल को दुखाया आ के तुमने सामने फिर से बड़ी मुश्किल से रोका था किया था हौसला हमने मेरी ताक़त को तोड़ा आ के तुमने सामने फिर...

  • Badi takleef me tha

    07 September 2009 ( #ghazals & shayari )

    Badi takleef me tha aa fasi thi jaan saansat me kaha usne tha jab mai jaa raha hu raaste apne kaleja kaanp uttha tha nazar bhar bhar k aayi thi mere kadmo k neeche na rahe the paanv khud apne kami kuch thi nahi paayi mili fir bhi ye rusvaai yu aise hi...

  • FIGHT AGAINST AIDS

    26 September 2009 ( #ghazals & shayari )

    BEWARE AIDS Jab bhi karo sambhog kisi se Pehle tum candom lagaao Arange karo ya love marriage Pehle HIV test karao Durghatna ho ya koi aafat Khoon ki ho tumhe koi jaroorat Idhar udhar se mat le lena Authorised Blood bank me jaao HIV positive maa ho Chaahe...

  • ग्रहण

    13 October 2009 ( #ghazals & shayari )

    स्वछंदता के आकाश पर आकाँक्षाओं के सूरज को विषमताओं का ग्रहण जीवन के तपते रेगिस्तान में स्वहित की मंगल कामनाओं को अपनों की आकाँक्षाओं का ग्रहण नियति के रंगमंच पे निकट भविष्य की योजनाओं को परिस्तिथियों का ग्रहण हम जिये जा रहे हैं उम्मीद पे एक दिन छटेंगे...

  • हर ओर दिवाली है

    25 October 2009 ( #ghazals & shayari )

    हर ओर दिवाली है मेरे मन में अँधेरा है मैं नहीं यहाँ पे तन्हा ग़म साथ में तेरा है यादों के साथ चल के मैं हूँ आ गया यहाँ तक परछाई तो दिखती है, दिखता नहीं चेहरा है खाली मकान जैसा दिल भी है मेरा खाली कोई नहीं रहता है भूतों का बसेरा है कोशिश हज़ार कीं हैं तुझे...

  • NAYA SABERA

    03 July 2009 ( #ghazals & shayari )

    Hum bhool gaye saari duniya tera pyaar mila jab se mujhko duniya begaani lagti hai dildaar mila jab se mujhko tere pyaar me paagal ban baithe tanha tanha se firte hai phoolon se mehekte hai hardam gulzaar mila jab se mujhko ye kaisi khusi kaisi raunak...

  • SAZDAA

    04 July 2009 ( #ghazals & shayari )

    Maahol me ek dehsat si hai lagta hai fir ashiyana ujadne wala hai tinke tinke badi muskil se joda tha lagta hai fir mera ghar bikharne wala hai khuda tera shukr ada karunga de de kuch raahat mujhe fir mera ek ajeej bichadne wala hai kyu girti hai baar...

  • MAA

    05 July 2009 ( #ghazals & shayari )

    Al subah aaj MAA ko khwab me dekha yu laga jaise raat k baad suraj nikalne se pehle patto pe rakhi koi os ki boond man ko sukoon de rahi hai. deti hai na? aankh khulte hi toot gaya swapn yu laga jaise dhoop me ud gayi os ki boond oh! suraj or na aata...

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