ऊफ़्फ़
हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है
समतल सौंधा
उबड़ खाबड़
गड्ड मड्ड सा
उलझा प्यार आज भी है ,
हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है।
थोड़ा नीरस
थोड़ा सूखा
सोये मन में
प्रेम वयार आज भी है ,
हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है।
हाथ हथेली
झूले पौधे
तुम और मैं
स्वप्न हज़ार आज भी हैं
हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है।
रात नशीली
रंग गुलाबी
आधा चाँद
वो उपकार आज भी है
हे! प्रेयसी तेरा इंतज़ार आज भी है।