मेरी मज़ार पे आना तुम एक पल के लिए
मेरे घर को भी सजाना तुम एक पल के लिए
यहीं बनाऊंगा ज़न्नत मैं दो ज़हानो की
गरीबखाने में आना तुम एक पल के लिए
कहीं खो जायेंगे अँधेरे उम्र भर के लिए
चराग़ दिल का जलाना तुम एक पल के लिए
कई बरस से पड़ा हूँ मैं कैदखाने में
रिहाई मुझको दिलाना तुम एक पल के लिए
हर एक पल में हो शामिल प्यार सदियों का
एक ऐसी शाम को लाना तुम एक पल के लिए
तड़प रहा हूँ तन्हाई में एक ज़माने से
मुझे गले से लगाना तुम एक पल के लिए
तुझे समझूँगा सजन अपना मैं सदा के लिए
मुझे महबूब बनाना तुम एक पल के लिए