ashutosh's name

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भावनाओ कि निर्मम हत्या से उपजी विचारों की अनुपम अभिव्यक्ति से दुनिया को जो मुर्दा दिखा वही कविता है। सीने में तमाम तक़लीफ़ों की कबरगाह में से आज भी जैसे कोई प्रेतात्मा प्रश्न पूछ रही है कि तेरे ख्वाब कहाँ हैं, जो तूने देखे थे ? मैं कब्र देख कर फिर से हंस देता हूँ।


होता ग़र ख़ुदा तो ये भूख ये बीमारी ना होती

Posted by ashutosh on August 21 2009, 17:12pm

Categories: #ghazals & shayari

 

होता  गर  खुदा  तो  ये  भूख  ये  बीमारी  ना  होती
सारी  खुदाई  यूँ  ज़िल्लत  की  मारी  ना  होती

ना  होता  कहीं  गरीब  और  लाचार  इन्सान
मँहगाई  में  ये  कालाबाजारी  ना  होती

ना  होता  ग़मगीन  कोई  उसकी  सल्तनत  में
इस  तरह  मुक़द्दर  की  ख्वारी  ना  होती

होता  हर  हाथ  को  काम  और  पेट  को  रोटी 
कहीं  शोषण  और  कहीं  बेरोजगारी  ना  होती

कोई  धंधा  ना  बनाता  धरम  की  अफीम  का
कहीं  उसके  नाम  की  दुकनदारी  ना  होती

सब  होते  समान  एक  जैसे  खुश  ज़हान  में
गरीब  पे  अमीर  की  सवारी  ना  होती

कितना  होता  सुकून  इस  दुनिया  में  चारो  तरफ,
चैन-ओ-ख़ुलूश  होता,  कोई  दुशवारी  ना  होती

काश  होता  जो  प्यार  इन्सान  का  इन्सान  से
हर  मुल्क  में  होता  अमन  कहीं  बमबारी  ना  होती

 

 

 

Hota gar khuda toh ye bhookh ye bimari na hoti
saari khudaai yu zillat ki maari na hoti

na hota kahi gareeb or laachar insaan
menhgaai me ye kalabazaari na hoti

na hota ghumgeen koi uski saltanat me
is tarah muqaddar ki khwaari na hoti

hota har haath ko kaam or pait ko roti 
kahi shoshan or kahi berojgaari na hoti

koi dhanda na banata dharam ki afeem ka
kahi uske naam ki dukandaari na hoti

sab hote samaan ek jaise khus jahaan me
gareeb pe ameer ki savari na hoti

kitna hota sukoon is duniya me chaaro taraf
chain-o-khuloosh hota koi dushvaari na hoti

kaash hota jo pyaar insaan ka insaan se
toh har mulk me hota aman kahi bumbaari na hoti

 

 

 

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Comment on this post
ना होता अगर खुदा तो ना ईन्सान ना ही खुदाई होती,<br /> ना ये हसीन वादिया ना ही खेत-खलीयान होते ।<br /> यह सब तो ठीक हमारी जिंदगानी ही ना होती,<br /> मिली है जिंदगी खुश हो के जी लो यार ।
Reply
A
<br /> <br /> प्रिय शिवांश,<br /> ना होता अगर खुदा तो ना ईन्सान ना ही खुदाई होती,<br /> ना ये हसीन वादिया ना ही खेत-खलीयान होते ।<br /> यह सब तो ठीक हमारी जिंदगानी ही ना होती,<br /> मिली है जिंदगी खुश हो के जी लो यार ।<br /> <br /> तुमने अच्छा लिखा है दोस्त. मैं हमेशा खुश रहने की कोशिश करता हूँ. लेकिन जब खुदा की इसी दुनिया में, उन मोहताज़ लोगों को देखता हूँ, जिनके पास ना तो पेट भरने को है ना ही तन ढकने को, इलाज के अभाव में<br /> दम तोड़ते अपने ही पड़ोस के भाई लोगों को देख कर अपनी ख़ुशी मुझे बेकार लगती है दोस्त. मैं जानता हूँ उनके बच्चों को भी दूध पीने का उतना ही हक है जितना हमारे बच्चों को है तब मुझे उनका कसूर समझ में नहीं<br /> आता भाई. मुझे माफ़ करना मेरे भाई कि ऐसी सूरत मैं कैसे खुश रह सकता हूँ.<br /> तुम तो खुद भगवान् शिव के अंश हो दोस्त, तुम मुझे बेहतर समझोगे.<br /> <br /> <br /> <br />
A
Excellant yar.keep it up.
Reply
A
<br /> Shukriya Amit<br /> <br /> <br />
I
nice ashu
Reply
A
<br /> thanks<br /> <br /> <br />
K
Please don't feel...<br /> <br /> Aa jaoge halat ki zad main jis din.<br /> Ho jaayega maloom khuda hai ki nahi hai.
Reply
A
<br /> Aisa nahi ki behke nahi rab k naam par<br /> jab bhi kadam behke toh maiqade me jaa sambhle<br /> <br /> dushvaariya bhi humne bahut dekhi hain khaleek<br /> par rab ko humne na bulaya ghum-e-theek ko apne<br /> <br /> <br />

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